
२०१९ मासिक कालाष्टमी व्रत के दिन उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

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२०१९ कालाष्टमी
वर्ष: | २०१९ मासिक कालाष्टमी उपवास के दिन उज्जैन, इण्डिया के लिए |
मासिक कालाष्टमी २०१९

कालाष्टमी
सबसे मुख्य कालाष्टमी जिसे कालभैरव जयन्ती के नाम से जाना जाता है, उत्तरी भारतीय पूर्णीमांत पञ्चाङ्ग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में पड़ती है जबकि दक्षिणी भारतीय अमांत पञ्चाङ्ग के अनुसार कार्तिक के महीने पड़ती है। हालाँकि दोनों पञ्चाङ्ग में कालभैरव जयन्ती एक ही दिन देखी जाती है। यह माना जाता है कि उसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे।
कालभैरव जयन्ती को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
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२७ | जनवरी | (रविवार) | कालाष्टमी |
२६ | फरवरी | (मंगलवार) | कालाष्टमी |
२८ | मार्च | (बृहस्पतिवार) | कालाष्टमी |
२६ | अप्रैल | (शुक्रवार) | कालाष्टमी |
२६ | मई | (रविवार) | कालाष्टमी |
२५ | जून | (मंगलवार) | कालाष्टमी |
२४ | जुलाई | (बुधवार) | कालाष्टमी |
२३ | अगस्त | (शुक्रवार) | कालाष्टमी |
२१ | सितम्बर | (शनिवार) | कालाष्टमी |
२१ | अक्टूबर | (सोमवार) | कालाष्टमी |
१९ | नवम्बर | (मंगलवार) | कालभैरव जयन्ती |
१९ | दिसम्बर | (बृहस्पतिवार) | कालाष्टमी |
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यह ध्यान में रखना चाहिए कि कालाष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि के दिन भी हो सकता है। धार्मिक मूलग्रन्थ के अनुसार जिस दिन अष्टमी तिथि रात्रि के दौरान प्रबल होती है उस दिन व्रतराज कालाष्टमी का व्रत किया जाना चाहिए। इसके अनुसार ही कालाष्टमी के लिए व्रत के दिन का चयन करने के लिए द्रिक पञ्चाङ्ग सुनिश्चित करता है कि प्रदोष के बाद कम से कम एक घटी के लिए अष्टमी को प्रबल होना चाहिए। अन्यथा कालाष्टमी पिछले दिन चली जाती है जब रात्रि के दौरान अष्टमी तिथि के और अधिक प्रबल होने की सम्भावना होती है।
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