
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

३१/अक्टूबर/२०२२ (सोम)
पञ्चाङ्ग में, गूगल कैलेण्डर के द्वारा व्यक्तिगत टिप्पणी के लिए साइन-इन करें
उज्जैन, इण्डिया
सोमवार, ३१ अक्टूबर २०२२
सूर्योदय :
०६:३५
सूर्यास्त :
१७:४६
१२:२८
२३:२०
शक सम्वत :
१९४४ शुभकृत्
विक्रम सम्वत :
२०७९ राक्षस
गुजराती सम्वत :
२०७९
अमांत महीना :
कार्तिक
पूर्णिमांत महीना :
कार्तिक
पक्ष :
शुक्ल पक्ष
तिथि :
नक्षत्र :
उत्तराषाढा - २८:१५ तक
योग :
धृति - १६:१३ तक
प्रथम करण :
गर - १४:१८ तक
द्वितीय करण :
तुला
धनु - ११:२४ तक
राहुकाल :
०७:५९ - ०९:२३
गुलिक काल :
१३:३४ - १४:५८
यमगण्ड :
१०:४७ - १२:१०
११:४८ - १२:३३
दुर्मुहूर्त :
१२:३३ - १३:१७
दुर्मुहूर्त :
१४:४७ - १५:३१
अमृत काल :
२२:१६ - २३:४६
वर्ज्य :
१३:१७ - १४:४७

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
© www.drikpanchang.com
© www.drikpanchang.com

दिनाँक: | [आश्विन-कार्तिक] | |
| ||
सप्तमी, कार्तिक, शुक्ल पक्ष, २०७९ राक्षस, विक्रम सम्वत |
अक्टूबर ३१, २०२२ (सोमवार) | |||||
---|---|---|---|---|---|
रवि | षष्ठी कृष्ण १६ ६ | ||||
सोम | सप्तमी शुक्ल ३१ ७ | प्रतिपदा कृष्ण १० १ | |||
मंगल | द्वितीया कृष्ण ११ २ | अष्टमी कृष्ण १८ ८ | |||
बुध | तृतीया शुक्ल २८ ३ | तृतीया कृष्ण १२ ३ | नवमी कृष्ण १९ ९ | ||
गुरु | चतुर्थी शुक्ल २९ ४ | दशमी कृष्ण २० १० | द्वितीया शुक्ल २७ २ | ||
शुक्र | पञ्चमी कृष्ण १४ ५ | तृतीया शुक्ल २८ ३ | |||
शनि | षष्ठी शुक्ल १ ६ | चतुर्दशी शुक्ल ८ १४ | षष्ठी कृष्ण १५ ६ | ||
|
अन्य पृष्ठ | रवि पुष्य | द्विपुष्कर | रवि योग | गण्ड मूल | भद्रा | पञ्चक |
| चन्द्र माह के नाम
नक्षत्र के नाम
योग के नाम
करण के नाम
तिथि के नाम
राशि के नाम
आनन्दादि योग के नाम
सम्वत्सर के नाम
हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.207