
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

२९/फरवरी/१९१२ (गुरु)
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उज्जैन, इण्डिया
बृहस्पतिवार, २९ फरवरी १९१२
सूर्योदय :
०६:५४
सूर्यास्त :
१८:२६
१५:११
शक सम्वत :
१८३३ विरोधकृत्
विक्रम सम्वत :
१९६८ रुधिरोद्गारी
गुजराती सम्वत :
१९६८
अमांत महीना :
फाल्गुन
पूर्णिमांत महीना :
फाल्गुन
पक्ष :
शुक्ल पक्ष
तिथि :
नक्षत्र :
पुनर्वसु - १२:४० तक
योग :
सौभाग्य - १७:३९ तक
प्रथम करण :
बव - १५:०५ तक
द्वितीय करण :
कुम्भ
मिथुन - ०७:१५ तक
राहुकाल :
१४:०६ - १५:३३
गुलिक काल :
०९:४७ - ११:१३
यमगण्ड :
०६:५४ - ०८:२०
१२:१७ - १३:०३
दुर्मुहूर्त :
१०:४४ - ११:३१
दुर्मुहूर्त :
१५:२१ - १६:०७
अमृत काल :
१०:३० - ११:५७
अमृत काल :
वर्ज्य :
१९:५२ - २१:१८

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
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दिनाँक: | [माघ-फाल्गुन] | |
गौण आमलकी एकादशी, वैष्णव आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी | ||
द्वादशी, फाल्गुन, शुक्ल पक्ष, १९६८ रुधिरोद्गारी, विक्रम सम्वत |
फरवरी २९, १९१२ (बृहस्पतिवार) | |||||
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रवि | नवमी शुक्ल २८ ९ | द्वितीया कृष्ण ४ २ | नवमी कृष्ण ११ ९ | सप्तमी शुक्ल २५ ७ भानु सप्तमी | |
सोम | दशमी शुक्ल २९ १० | अष्टमी शुक्ल २६ ८ | |||
मंगल | चतुर्थी कृष्ण ६ ४ | नवमी शुक्ल २७ ९ | |||
बुध | पञ्चमी कृष्ण ७ ५ | द्वादशी कृष्ण १४ १२ | तृतीया शुक्ल २१ ३ | ||
गुरु | त्रयोदशी शुक्ल १ १३ | षष्ठी कृष्ण ८ ६ | चतुर्थी शुक्ल २२ ४ | ||
शुक्र | सप्तमी कृष्ण ९ ७ | पञ्चमी शुक्ल २३ ५ | |||
शनि | प्रतिपदा कृष्ण ३ १ | अष्टमी कृष्ण १० ८ | चतुर्दशी कृष्ण १७ १४ दर्श अमावस्या | षष्ठी शुक्ल २४ ६ | |
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.207