
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

२८/जून/१९०८ (रवि)
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उज्जैन, इण्डिया
रविवार, २८ जून १९०८
सूर्योदय :
०५:४७
सूर्यास्त :
१९:१२
चन्द्रोदय नहीं
१९:०६
शक सम्वत :
१८३० कीलक
विक्रम सम्वत :
१९६५ रौद्र
गुजराती सम्वत :
१९६४
अमांत महीना :
ज्येष्ठ
पूर्णिमांत महीना :
आषाढ़
पक्ष :
कृष्ण पक्ष
तिथि :
अमावस्या - २२:०१ तक
नक्षत्र :
मॄगशिरा - ०७:४६ तक
योग :
वृद्धि - १९:४८ तक
प्रथम करण :
चतुष्पाद - ०९:१६ तक
द्वितीय करण :
नाग - २२:०१ तक
मिथुन
मिथुन
राहुकाल :
१७:३२ - १९:१२
गुलिक काल :
१५:५१ - १७:३२
यमगण्ड :
१२:३० - १४:१०
१२:०३ - १२:५७
दुर्मुहूर्त :
१७:२५ - १८:१९
अमृत काल :
२३:०४ - २४:४८
वर्ज्य :
१६:५७ - १८:४१

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
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दिनाँक: | [ज्येष्ठ-आषाढ़] | |
आषाढ़ अमावस्या, दर्श अमावस्या, सूर्य ग्रहण | ||
अमावस्या, आषाढ़, कृष्ण पक्ष, १९६५ रौद्र, विक्रम सम्वत |
जून २८, १९०८ (रविवार) | |||||
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रवि | अष्टमी शुक्ल ७ ८ | अष्टमी कृष्ण २१ ८ | |||
सोम | द्वितीया शुक्ल १ २ | नवमी शुक्ल ८ ९ | प्रतिपदा कृष्ण १५ १ | नवमी कृष्ण २२ ९ | |
मंगल | तृतीया शुक्ल २ ३ | द्वितीया कृष्ण १६ २ | दशमी कृष्ण २३ १० | ||
बुध | चतुर्थी शुक्ल ३ ४ | तृतीया शुक्ल १ ३ | |||
गुरु | पञ्चमी शुक्ल ४ ५ | द्वादशी शुक्ल ११ १२ | चतुर्थी कृष्ण १८ ४,५ | चतुर्थी शुक्ल २ ४ | |
शुक्र | षष्ठी शुक्ल ५ ६ | षष्ठी कृष्ण १९ ६ | त्रयोदशी कृष्ण २६ १३ | चतुर्थी शुक्ल ३ ४ | |
शनि | सप्तमी शुक्ल ६ ७ | चतुर्दशी शुक्ल १३ १४ | सप्तमी कृष्ण २० ७ | चतुर्दशी कृष्ण २७ १४ | पञ्चमी शुक्ल ४ ५ |
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.208