
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

२३/सितम्बर/२०१४ (मंगल)
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उज्जैन, इण्डिया
मंगलवार, २३ सितम्बर २०१४
सूर्योदय :
०६:१९
सूर्यास्त :
१८:१९
१७:४७
शक सम्वत :
१९३६ जय
विक्रम सम्वत :
२०७१ प्लवङ्ग
गुजराती सम्वत :
२०७०
अमांत महीना :
भाद्रपद
पूर्णिमांत महीना :
आश्विन
पक्ष :
कृष्ण पक्ष
तिथि :
चतुर्दशी - ०९:४५ तक
नक्षत्र :
पूर्वाफाल्गुनी - १५:०४ तक
योग :
शुभ - २२:०२ तक
प्रथम करण :
शकुनि - ०९:४५ तक
द्वितीय करण :
चतुष्पाद - २२:४६ तक
कन्या
सिंह - २१:४३ तक
राहुकाल :
१५:१९ - १६:४९
गुलिक काल :
१२:१९ - १३:४९
यमगण्ड :
०९:१९ - १०:४९
११:५५ - १२:४३
दुर्मुहूर्त :
०८:४३ - ०९:३१
दुर्मुहूर्त :
२३:०७ - २३:५५
अमृत काल :
०७:५६ - ०९:४३
वर्ज्य :
२३:०० - २४:४६

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
© www.drikpanchang.com
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दिनाँक: | [भाद्रपद-आश्विन] | |
सर्वपित्री दर्श अमावस्या, सर्वपित्रू अमावस्या | ||
चतुर्दशी, आश्विन, कृष्ण पक्ष, २०७१ प्लवङ्ग, विक्रम सम्वत |
सितम्बर २३, २०१४ (मंगलवार) | |||||
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रवि | षष्ठी शुक्ल ३१ ६ | त्रयोदशी शुक्ल ७ १३ | षष्ठी कृष्ण १४ ६ | ||
सोम | सप्तमी शुक्ल १ ७ ललिता सप्तमी | त्रयोदशी कृष्ण २२ १३ | पञ्चमी शुक्ल २९ ५ | ||
मंगल | षष्ठी शुक्ल ३० ६ | ||||
बुध | नवमी शुक्ल ३ ९ | द्वितीया कृष्ण १० २ | |||
गुरु | दशमी शुक्ल ४ १० | तृतीया कृष्ण ११ ३ | दशमी कृष्ण १८ १० | ||
शुक्र | द्वितीया शुक्ल २६ २ | ||||
शनि | पञ्चमी कृष्ण १३ ५ | द्वादशी कृष्ण २० १२ | तृतीया शुक्ल २७ ३ | ||
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.207