
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

१९/दिसम्बर/२०१४ (शुक्र)
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उज्जैन, इण्डिया
शुक्रवार, १९ दिसम्बर २०१४
सूर्योदय :
०७:०७
सूर्यास्त :
१७:४१
१५:३५
शक सम्वत :
१९३६ जय
विक्रम सम्वत :
२०७१ प्लवङ्ग
गुजराती सम्वत :
२०७१
अमांत महीना :
मार्गशीर्ष
पूर्णिमांत महीना :
पौष
पक्ष :
कृष्ण पक्ष
तिथि :
द्वादशी - ११:४६ तक
नक्षत्र :
विशाखा - २२:४९ तक
योग :
सुकर्मा - १६:४५ तक
प्रथम करण :
तैतिल - ११:४६ तक
द्वितीय करण :
गर - २३:२५ तक
धनु
तुला - १६:५१ तक
राहुकाल :
११:०५ - १२:२४
गुलिक काल :
०८:२६ - ०९:४५
यमगण्ड :
१५:०३ - १६:२२
१२:०३ - १२:४५
दुर्मुहूर्त :
०९:१४ - ०९:५६
दुर्मुहूर्त :
१२:४५ - १३:२७
अमृत काल :
१३:५८ - १५:३४
वर्ज्य :

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
© www.drikpanchang.com
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दिनाँक: | [मार्गशीर्ष-पौष] | |
द्वादशी, पौष, कृष्ण पक्ष, २०७१ प्लवङ्ग, विक्रम सम्वत |
दिसम्बर १९, २०१४ (शुक्रवार) | |||||
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रवि | नवमी शुक्ल ३० ९ | प्रतिपदा कृष्ण ७ १ | अष्टमी कृष्ण १४ ८ | सप्तमी शुक्ल २८ ७ भानु सप्तमी | |
सोम | दशमी शुक्ल १ १० | द्वितीया कृष्ण ८ २ | अष्टमी कृष्ण १५ ८ | प्रतिपदा शुक्ल २२ १ | अष्टमी शुक्ल २९ ८ |
मंगल | नवमी शुक्ल ३० ९ | ||||
बुध | द्वादशी शुक्ल ३ १२ | चतुर्थी कृष्ण १० ४ | दशमी कृष्ण १७ १० | तृतीया शुक्ल २४ ३ | दशमी शुक्ल ३१ १० |
गुरु | पञ्चमी कृष्ण ११ ५ | चतुर्थी शुक्ल २५ ४ | |||
शुक्र | षष्ठी कृष्ण १२ ६ | पञ्चमी शुक्ल २६ ५ | |||
शनि | ![]() ६ मार्गशीर्ष पूर्णिमा | सप्तमी कृष्ण १३ ७ | त्रयोदशी कृष्ण २० १३ | षष्ठी शुक्ल २७ ६ | त्रयोदशी शुक्ल ३ १३ |
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.212