
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

१२/दिसम्बर/१९१० (सोम)
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उज्जैन, इण्डिया
सोमवार, १२ दिसम्बर १९१०
सूर्योदय :
०७:०२
सूर्यास्त :
१७:३९
१४:२२
शक सम्वत :
१८३२ साधारण
विक्रम सम्वत :
१९६७ दुन्दुभी
गुजराती सम्वत :
१९६७
अमांत महीना :
मार्गशीर्ष
पूर्णिमांत महीना :
मार्गशीर्ष
पक्ष :
शुक्ल पक्ष
तिथि :
दशमी - ०८:४९ तक
क्षय तिथि :
नक्षत्र :
रेवती - १४:२९ तक
योग :
वरीयान् - १९:२२ तक
प्रथम करण :
गर - ०८:४९ तक
द्वितीय करण :
वणिज - १९:३६ तक
क्षय करण :
वृश्चिक
मीन - १४:२९ तक
राहुकाल :
०८:२२ - ०९:४१
गुलिक काल :
१३:४० - १४:५९
यमगण्ड :
११:०१ - १२:२०
११:५९ - १२:४२
दुर्मुहूर्त :
१२:४२ - १३:२४
दुर्मुहूर्त :
१४:४९ - १५:३१
अमृत काल :
१२:१३ - १३:४४
अमृत काल :

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
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दिनाँक: | [मार्गशीर्ष-पौष] | |
दशमी, मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, १९६७ दुन्दुभी, विक्रम सम्वत |
दिसम्बर १२, १९१० (सोमवार) | |||||
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रवि | द्वितीया शुक्ल ४ २ | नवमी शुक्ल ११ ९ | द्वितीया कृष्ण १८ २,३ | दशमी कृष्ण २५ १० | |
सोम | द्वादशी कृष्ण २८ १२ | तृतीया शुक्ल ५ ३ | दशमी कृष्ण २६ १० | ||
मंगल | चतुर्थी शुक्ल ६ ४ | पञ्चमी कृष्ण २० ५ | |||
बुध | चतुर्दशी कृष्ण ३० १४ | षष्ठी कृष्ण २१ ६ | |||
गुरु | सप्तमी कृष्ण २२ ७ | त्रयोदशी कृष्ण २९ १३ | |||
शुक्र | प्रतिपदा शुक्ल २ १ | सप्तमी शुक्ल ९ ७ | अष्टमी कृष्ण २३ ८ | चतुर्दशी कृष्ण ३० १४ | |
शनि | अष्टमी शुक्ल १० ८ | प्रतिपदा कृष्ण १७ १ | नवमी कृष्ण २४ ९ | ||
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.208