
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

८/दिसम्बर/१९१२ (रवि)
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उज्जैन, इण्डिया
रविवार, ०८ दिसम्बर १९१२
सूर्योदय :
०७:००
सूर्यास्त :
१७:३८
चन्द्रोदय नहीं
१७:१५
शक सम्वत :
१८३४ परिधावी
विक्रम सम्वत :
१९६९ रक्ताक्षी
गुजराती सम्वत :
१९६९
अमांत महीना :
कार्तिक
पूर्णिमांत महीना :
मार्गशीर्ष
पक्ष :
कृष्ण पक्ष
तिथि :
अमावस्या - २२:३७ तक
नक्षत्र :
अनुराधा - ०९:३४ तक
योग :
धृति - २१:३५ तक
प्रथम करण :
चतुष्पाद - १०:२४ तक
द्वितीय करण :
नाग - २२:३७ तक
वृश्चिक
वृश्चिक
राहुकाल :
१६:१८ - १७:३८
गुलिक काल :
१४:५८ - १६:१८
यमगण्ड :
१२:१९ - १३:३९
११:५८ - १२:४०
दुर्मुहूर्त :
१६:१३ - १६:५५
अमृत काल :
वर्ज्य :
१५:२५ - १७:०६

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
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दिनाँक: | [मार्गशीर्ष-पौष] | |
मार्गशीर्ष अमावस्या, दर्श अमावस्या | ||
अमावस्या, मार्गशीर्ष, कृष्ण पक्ष, १९६९ रक्ताक्षी, विक्रम सम्वत |
दिसम्बर ०८, १९१२ (रविवार) | |||||
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रवि | त्रयोदशी शुक्ल २२ १३ | षष्ठी कृष्ण २९ ६ | |||
सोम | नवमी कृष्ण २ ९ | प्रतिपदा शुक्ल ९ १ | सप्तमी शुक्ल १६ ७ | सप्तमी कृष्ण ३० ७ | |
मंगल | दशमी कृष्ण ३ १० | अष्टमी शुक्ल १७ ८ | ![]() २४ मार्गशीर्ष पूर्णिमा | अष्टमी कृष्ण ३१ ८ | |
बुध | तृतीया शुक्ल ११ ३ | नवमी शुक्ल १८ ९ | द्वितीया कृष्ण २५ २ | नवमी कृष्ण १ ९ | |
गुरु | द्वादशी कृष्ण ५ १२ | चतुर्थी शुक्ल १२ ४ | दशमी शुक्ल १९ १० | तृतीया कृष्ण २६ ३ | दशमी कृष्ण २ १० |
शुक्र | |||||
शनि | चतुर्दशी कृष्ण ७ १४ | पञ्चमी शुक्ल १४ ५ | पञ्चमी कृष्ण २८ ५ | ||
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हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.213