
पञ्चाङ्ग उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

७/जुलाई/१९१२ (रवि)
पञ्चाङ्ग में, गूगल कैलेण्डर के द्वारा व्यक्तिगत टिप्पणी के लिए साइन-इन करें
उज्जैन, इण्डिया
रविवार, ०७ जुलाई १९१२
सूर्योदय :
०५:५०
सूर्यास्त :
१९:१३
१२:१०
शक सम्वत :
१८३४ परिधावी
विक्रम सम्वत :
१९६९ रक्ताक्षी
गुजराती सम्वत :
१९६८
अमांत महीना :
आषाढ़ (अधिक)
पूर्णिमांत महीना :
आषाढ़ (अधिक)
पक्ष :
कृष्ण पक्ष
तिथि :
सप्तमी - ०९:५० तक
नक्षत्र :
उत्तर भाद्रपद - ११:०५ तक
योग :
शोभन - ०७:२३ तक
प्रथम करण :
बव - ०९:५० तक
द्वितीय करण :
बालव - २२:१७ तक
मिथुन
मीन
राहुकाल :
१७:३२ - १९:१३
गुलिक काल :
१५:५२ - १७:३२
यमगण्ड :
१२:३१ - १४:१२
१२:०५ - १२:५८
दुर्मुहूर्त :
१७:२६ - १८:१९
अमृत काल :
०५:५३ - ०७:३७
वर्ज्य :
२३:४५ - २५:२६

टिप्पणी:
सभी समय अन्त समय हैं। आधी रात के बाद का समय २४:०० से अधिक है क्योंकि हिन्दु दिन सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
© www.drikpanchang.com
© www.drikpanchang.com

दिनाँक: | [आषाढ़-श्रावण] | |
भानु सप्तमी | ||
सप्तमी, आषाढ़ (अधिक), कृष्ण पक्ष, १९६९ रक्ताक्षी, विक्रम सम्वत |
जुलाई ०७, १९१२ (रविवार) | |||||
---|---|---|---|---|---|
रवि | प्रतिपदा कृष्ण ३० १ | सप्तमी कृष्ण ७ ७ भानु सप्तमी | अष्टमी शुक्ल २१ ८ | ||
सोम | द्वितीया कृष्ण १ २ | अष्टमी कृष्ण ८ ८ | नवमी शुक्ल २२ ९ | ||
मंगल | तृतीया कृष्ण २ ३ | नवमी कृष्ण ९ ९ | दशमी शुक्ल २३ १० | प्रतिपदा कृष्ण ३० १ | |
बुध | तृतीया शुक्ल १७ ३,४ | द्वितीया कृष्ण ३१ २ | |||
गुरु | पञ्चमी कृष्ण ४ ५ | पञ्चमी शुक्ल १८ ५ | द्वादशी शुक्ल २५ १२ | ||
शुक्र | पञ्चमी कृष्ण ५ ५ | षष्ठी शुक्ल १९ ६ | चतुर्थी कृष्ण २ ४ | ||
शनि | षष्ठी कृष्ण ६ ६ | चतुर्दशी कृष्ण १३ १४ | सप्तमी शुक्ल २० ७ | चतुर्दशी शुक्ल २७ १४ | पञ्चमी कृष्ण ३ ५ |
|
अन्य पृष्ठ | रवि पुष्य | द्विपुष्कर | रवि योग | गण्ड मूल | भद्रा | पञ्चक |
| चन्द्र माह के नाम
नक्षत्र के नाम
योग के नाम
करण के नाम
तिथि के नाम
राशि के नाम
आनन्दादि योग के नाम
सम्वत्सर के नाम
हिन्दु कैलेण्डर हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है 1. तिथि 2. नक्षत्र 3. योग 4. करण 5. वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम) पञ्चाङ्ग
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दु कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं। भारतीय कैलेण्डर
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है। |
10.160.15.211