
२०२१ चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए



२०२१ चैत्र घटस्थापना
वर्ष: | २०२१ चैत्र नवरात्रि घटस्थापना समय उज्जैन, इण्डिया के लिए |
घटस्थापना
१३वाँ
अप्रैल २०२१
(मंगलवार)
(मंगलवार)
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना पूजन
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना
घटस्थापना मुहूर्त = ०६:१२ से १०:१६
अवधि = ४ घण्टे ४ मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर निर्धारित है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ = १२/अप्रैल/२०२१ को ०७:५९ बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त = १३/अप्रैल/२०२१ को १०:१६ बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त = १३/अप्रैल/२०२१ को १०:१६ बजे
टिप्पणी - २४ घण्टे की घड़ी उज्जैन के स्थानीय समय के साथ और सभी मुहूर्त के समय के लिए डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है)।
२०२१ चैत्र नवरात्रि घटस्थापना
शरद नवरात्रि के दौरान किये जाने वाले सभी अनुष्ठानों को चैत्र नवरात्रि के दौरान भी किया जाता है। घटस्थापना मुहूर्त और सन्धि पूजा मुहूर्त शरद नवरात्रि के दौरान अधिक लोकप्रिय हैं, लेकिन इन मुहूर्तों का चैत्र नवरात्रि के दौरान भी उतना ही महत्व होता है।
घटस्थापना नवरात्रि के दौरान महत्वपूर्ण कर्मकाण्डों में से एक है। इसी से नौ दिन के उत्सव की शुरुआत होती है। हमारे शास्त्रों में घटस्थापना के लिये नियमों और दिशा निर्देशों को अच्छी तरह से वर्णित किया गया है। घटस्थापना कर नवरात्रि की शुरुआत एक निश्चित अवधि के दौरान मुहूर्त देख के ही की जानी चाहिये। घटस्थापना से भगवती दुर्गा का आवाहन कर पूजा के लिये निमन्त्रित किया जाता है और हिन्दु शास्त्रों के अनुसार गलत समय पर किया जाने वाला आवाहन देवी शक्ति का क्रोध और प्रकोप ला सकता है। अतः घटस्थापना मुहूर्त का चयन अत्यधिक महत्तपूर्ण है। घटस्थापना के लिये अमावस्या तिथि और रात्रि का समय निषिद्ध है।
घटस्थापना का मुहूर्त, प्रतिपदा तिथि में दिन के पहले एक तिहाई भाग में, सबसे उपयुक्त होता है। कुछ कारणों की वजह से यदि मुहूर्त इस समय उपलब्ध नहीं है तो घटस्थापना अभिजित मुहूर्त के दौरान की जा सकती है। नवरात्रि घटस्थापना चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दौरान टालने की सलाह दी जाती है, लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग का निषिद्ध नहीं है। घटस्थापना का मुहूर्त विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक प्रतिपदा तिथि और दोपहर से पहले का समय है।
द्रिक पञ्चाङ्ग घटस्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त उपलब्ध करता है। इस पृष्ठ पर दिया गया मुहूर्त हिन्दु शास्त्रों के अनुसार निर्धारित है। द्रिक पञ्चाङ्ग २०,००० से भी अधिक शहरों के लिए घटस्थापना मुहूर्त उपलब्ध करता है। सभी मुहूर्तों के लिये स्थानीय समय डीएसटी समायोजित कर दिया जाता है। घटस्थापना मुहूर्त की गणना स्थानीय सूर्योदय, सूर्यास्त और दोपहर के समय को देख कर की जाती है और इसीलिए सभी शहरों के लिये पृथक-पृथक होती है।
हम घटस्थापना के लिये चौघड़िया मुहूर्त लेने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि धार्मिक स्रोतों में इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता है। घटस्थापना को कलश-स्थापना के नाम से भी जाना जाता है।
इस पृष्ठ पर दिये घटस्थापना मुहूर्त के लिये द्वि-स्वभाव लग्न को समायोजित करने के लिये यथा-सम्भव प्रयास किया जाता है। मीन लग्न, जो कि द्वि-स्वभाव लग्न है, चैत्र नवरात्रि के दौरान प्रातःकाल के समय व्याप्त होती है। यदि मीन लग्न के दौरान मुहूर्त निकलता है तो उसे प्राथमिकता दी जाती है।
नों दिनों का सम्पूर्ण चैत्र नवरात्रि कैलेण्डर भी द्रिकपञ्चाङ्ग पर उपलब्ध है।
शरद नवरात्रि के दौरान किये जाने वाले सभी अनुष्ठानों को चैत्र नवरात्रि के दौरान भी किया जाता है। घटस्थापना मुहूर्त और सन्धि पूजा मुहूर्त शरद नवरात्रि के दौरान अधिक लोकप्रिय हैं, लेकिन इन मुहूर्तों का चैत्र नवरात्रि के दौरान भी उतना ही महत्व होता है।
घटस्थापना नवरात्रि के दौरान महत्वपूर्ण कर्मकाण्डों में से एक है। इसी से नौ दिन के उत्सव की शुरुआत होती है। हमारे शास्त्रों में घटस्थापना के लिये नियमों और दिशा निर्देशों को अच्छी तरह से वर्णित किया गया है। घटस्थापना कर नवरात्रि की शुरुआत एक निश्चित अवधि के दौरान मुहूर्त देख के ही की जानी चाहिये। घटस्थापना से भगवती दुर्गा का आवाहन कर पूजा के लिये निमन्त्रित किया जाता है और हिन्दु शास्त्रों के अनुसार गलत समय पर किया जाने वाला आवाहन देवी शक्ति का क्रोध और प्रकोप ला सकता है। अतः घटस्थापना मुहूर्त का चयन अत्यधिक महत्तपूर्ण है। घटस्थापना के लिये अमावस्या तिथि और रात्रि का समय निषिद्ध है।
घटस्थापना का मुहूर्त, प्रतिपदा तिथि में दिन के पहले एक तिहाई भाग में, सबसे उपयुक्त होता है। कुछ कारणों की वजह से यदि मुहूर्त इस समय उपलब्ध नहीं है तो घटस्थापना अभिजित मुहूर्त के दौरान की जा सकती है। नवरात्रि घटस्थापना चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दौरान टालने की सलाह दी जाती है, लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग का निषिद्ध नहीं है। घटस्थापना का मुहूर्त विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक प्रतिपदा तिथि और दोपहर से पहले का समय है।
द्रिक पञ्चाङ्ग घटस्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त उपलब्ध करता है। इस पृष्ठ पर दिया गया मुहूर्त हिन्दु शास्त्रों के अनुसार निर्धारित है। द्रिक पञ्चाङ्ग २०,००० से भी अधिक शहरों के लिए घटस्थापना मुहूर्त उपलब्ध करता है। सभी मुहूर्तों के लिये स्थानीय समय डीएसटी समायोजित कर दिया जाता है। घटस्थापना मुहूर्त की गणना स्थानीय सूर्योदय, सूर्यास्त और दोपहर के समय को देख कर की जाती है और इसीलिए सभी शहरों के लिये पृथक-पृथक होती है।
हम घटस्थापना के लिये चौघड़िया मुहूर्त लेने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि धार्मिक स्रोतों में इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता है। घटस्थापना को कलश-स्थापना के नाम से भी जाना जाता है।
इस पृष्ठ पर दिये घटस्थापना मुहूर्त के लिये द्वि-स्वभाव लग्न को समायोजित करने के लिये यथा-सम्भव प्रयास किया जाता है। मीन लग्न, जो कि द्वि-स्वभाव लग्न है, चैत्र नवरात्रि के दौरान प्रातःकाल के समय व्याप्त होती है। यदि मीन लग्न के दौरान मुहूर्त निकलता है तो उसे प्राथमिकता दी जाती है।
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