
२०२२ आमलकी एकादशी व्रत का दिन उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

- होम »
- आमलकी एकादशी


२०२२ आमलकी एकादशी
वर्ष: | २०२२ आमलकी एकादशी उपवास का दिन उज्जैन, इण्डिया के लिए |
आमलकी एकादशी व्रत
१४वाँ
मार्च २०२२
(सोमवार)
(सोमवार)
आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी पारण
१५th को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय = ०६:४० से ०९:०२
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय = १३:१२
एकादशी तिथि प्रारम्भ = १३/मार्च/२०२२ को १०:२१ बजे
एकादशी तिथि समाप्त = १४/मार्च/२०२२ को १२:०४ बजे
एकादशी तिथि समाप्त = १४/मार्च/२०२२ को १२:०४ बजे
टिप्पणी - २४ घण्टे की घड़ी उज्जैन के स्थानीय समय के साथ और सभी मुहूर्त के समय के लिए डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है)।
२०२२ आमलकी एकादशी
समय - फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में जाना जाता है। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के मध्य में आती है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार वर्तमान में यह फरवरी या मार्च के महीने में आती है।
एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं।.
भगवान विष्णु का प्यार और स्नेह के इच्छुक परम भक्तों को दोनों दिन एकादशी व्रत करने की सलाह दी जाती है।
समय - फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में जाना जाता है। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के मध्य में आती है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार वर्तमान में यह फरवरी या मार्च के महीने में आती है।
एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं।.
भगवान विष्णु का प्यार और स्नेह के इच्छुक परम भक्तों को दोनों दिन एकादशी व्रत करने की सलाह दी जाती है।
« विगत विजया एकादशी | आगामी पापमोचिनी एकादशी » |
एकादशी से सम्बन्धित अन्य पृष्ठ
- एकादशी आरती एकादशी माता की आरती
- एकादशी आहार एकादशी व्रत के दौरान भोजन
- एकादशी संग्रह साल की २६ एकादशियों का संग्रह
- देवी एकादशी की उत्पत्ति भगवान विष्णु की योग माया
- वैकुण्ठ एकादशी तमिल कैलेण्डर के अनुसार प्रसिद्ध एकादशी
- निर्जला एकादशी पानी और भोजन के बिना उपवास
- देवउठनी एकादशी एकादशी जब भगवान विष्णु नींद से जागते है
- उत्पन्ना एकादशी एकादशी उपवास प्रारम्भ करने का समय
- वैष्णव एकादशी संग्रह वैष्णव एकादशी का संग्रह
10.160.15.212