
२०१७ चन्द्र ग्रहण की जानकारी उज्जैन, मध्यप्रदेश, इण्डिया के लिए

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चन्द्र ग्रहण
चन्द्र ग्रहण


२०१७ चन्द्र ग्रहण
उज्जैन, इण्डिया के लिए चन्द्र ग्रहण के शुरू और अन्त होने के स्थानीय समय की सम्पूर्ण जानकारी
चन्द्र ग्रहण का दिन
११वाँ
फरवरी २०१७
(शनिवार)
(शनिवार)
भगवान विष्णु असुर राहू का सिर काटते हुए
चन्द्र ग्रहण का स्थानीय समय
उज्जैन में उपच्छाया चन्द्र ग्रहण
प्रच्छाया में कोई ग्रहण नहीं है।
चन्द्रास्त के पूर्व उपच्छाया ग्रहण खाली आँख से नहीं दिखेगा।
चन्द्रास्त के पूर्व उपच्छाया ग्रहण खाली आँख से नहीं दिखेगा।
चन्द्रास्त - ०७:००:०३
उपच्छाया से पहला स्पर्श - ०४:०४:१५
परमग्रास चन्द्र ग्रहण - ०६:१३:५३
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श - ०८:२३:२६
परमग्रास चन्द्र ग्रहण - ०६:१३:५३
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श - ०८:२३:२६
उपच्छाया की अवधि - ०४ घण्टे १९ मिनट्स १० सेकण्ड्स
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण - ०.९९
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण - ०.९९
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ - लागू नहीं है।
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - लागू नहीं है।
टिप्पणी - २४ घण्टे की घड़ी उज्जैन के स्थानीय समय के साथ और सभी चन्द्र ग्रहण के समय के लिए डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है)।
चन्द्र ग्रहण फरवरी १०/११, २०१७
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण १० एवं ११ फरवरी को दर्शनीय होगा। वर्ष २०१७ में यह पहला चन्द्र ग्रहण होगा।
क्योंकि यह एक उपच्छाया ग्रहण है इसीलिये हिन्दुओं द्वारा किये जाने वाले किसी भी धार्मिक संस्कार के लिये यह ग्रहण मान्य नहीं होगा। ग्रहण देखने वाले खगोल-शास्त्रियों के लिये भी यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं होगा क्योंकि यह उपच्छाया वाला चन्द्र ग्रहण पूर्णतः न होकर आंशिक ही है।
यह उपच्छाया ग्रहण मुख्यतः एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के अधिकतम क्षेत्रों से दर्शनीय होगा।
यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया में दर्शनीय नहीं होगा।
यद्दपि यह ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दर्शनीय होगा परन्तु चन्द्र ग्रहण के दौरान किये जाने वाले धार्मिक संस्कारों का पालन नहीं होगा।
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण १० एवं ११ फरवरी को दर्शनीय होगा। वर्ष २०१७ में यह पहला चन्द्र ग्रहण होगा।
क्योंकि यह एक उपच्छाया ग्रहण है इसीलिये हिन्दुओं द्वारा किये जाने वाले किसी भी धार्मिक संस्कार के लिये यह ग्रहण मान्य नहीं होगा। ग्रहण देखने वाले खगोल-शास्त्रियों के लिये भी यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं होगा क्योंकि यह उपच्छाया वाला चन्द्र ग्रहण पूर्णतः न होकर आंशिक ही है।
यह उपच्छाया ग्रहण मुख्यतः एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के अधिकतम क्षेत्रों से दर्शनीय होगा।
यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया में दर्शनीय नहीं होगा।
यद्दपि यह ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दर्शनीय होगा परन्तु चन्द्र ग्रहण के दौरान किये जाने वाले धार्मिक संस्कारों का पालन नहीं होगा।
चन्द्र ग्रहण के समय पर टिप्पणी -
जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है।
इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित हैं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है।
हिन्दु धर्म और चन्द्र ग्रहण
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।
जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है।
इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित हैं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है।
हिन्दु धर्म और चन्द्र ग्रहण
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।
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